भारत फिल्म इंडस्ट्री में सबसे बड़ा है और भारत में सबसे ज्यादा फिल्म्स बनती है, लेकिन भारत हमेशा ही पीछे पड़ जाता है जब दुनिया के सबसे बड़े अवार्ड फंक्शन में जीत हासिल करने की बारी आती है, और हम आज इस बारे में ही बताने जा रहे हैं कि भारत के फिल्म्स क्यों पीछे पड़ जाते हैं जीत के सामने आकर भी।
भारत में से कुछ फिल्म्स जो ऑस्कर अवार्ड पा चुके हैं उन फिल्मों के नाम है Lagaan, लाइफ ऑफ पाई, मदर इंडिया इन फिल्मों को ऑस्कर अवार्ड मिल चुका है तो हम बताने जा रहे हैं थे कि बॉलीवुड के कई सारे फिल्म क्यों पीछे पड़ जाते हैं ऑस्कर अवॉर् जीतने के समय।
बॉलीवुड में कई सारे मूवीस आते रहते हैं जो दमदार होता है बता दे ऑस्कर अवार्ड के लिए हर देश से बेहतर फिल्म्स भेजे जाते हैं इसके बाद ऑस्कर टीम इसे देखते हैं उसके बाद फाइनल करते हैं कि यह फिल्म अवार्ड जीतने के लिस्ट में शामिल होगा या नहीं अगर हम बात करें भारत के फिल्मों की तो भारत में कई सारे ऐसे फिल्म्स आते रहते हैं जिनमें स्टोरीलाइन काफी वीक होता है और जहां वास्तविक चीजें जैसे होती है वह नहीं दिखाया जाता और मुझे लगता है इसीलिए फिल्म्स ऑस्कर नहीं जीत पाते।
भारत में से कुछ फिल्म्स जो ऑस्कर अवार्ड पा चुके हैं उन फिल्मों के नाम है Lagaan, लाइफ ऑफ पाई, मदर इंडिया इन फिल्मों को ऑस्कर अवार्ड मिल चुका है तो हम बताने जा रहे हैं थे कि बॉलीवुड के कई सारे फिल्म क्यों पीछे पड़ जाते हैं ऑस्कर अवॉर् जीतने के समय।
बॉलीवुड में कई सारे मूवीस आते रहते हैं जो दमदार होता है बता दे ऑस्कर अवार्ड के लिए हर देश से बेहतर फिल्म्स भेजे जाते हैं इसके बाद ऑस्कर टीम इसे देखते हैं उसके बाद फाइनल करते हैं कि यह फिल्म अवार्ड जीतने के लिस्ट में शामिल होगा या नहीं अगर हम बात करें भारत के फिल्मों की तो भारत में कई सारे ऐसे फिल्म्स आते रहते हैं जिनमें स्टोरीलाइन काफी वीक होता है और जहां वास्तविक चीजें जैसे होती है वह नहीं दिखाया जाता और मुझे लगता है इसीलिए फिल्म्स ऑस्कर नहीं जीत पाते।
हाल ही में राजकुमार राव के फिल्म्स न्यूटन को नॉमिनेट किया गया था लेकिन यह फिल्म भी नॉमिनेशन के लिस्ट से बाहर हो गया।
फिल्में सिलेक्शन करने में बहुत बड़ी गलतियां होती है
और यह वजह है कि भारत के मूवीस उसका नहीं जीत पाते क्योंकि ऐसी फिल्में भेजे जाते हैं जो ऑस्कर टीम को पसंद नहीं आते जब हम भारत से मांझी द माउंटेन मैन, उड़ान रंग दे बसंती पान सिंह तोमर और Taare Zameen Par जैसी फिल्म अगर भेजते तो आज हम जरूर जीत पाते ऑस्कर अवार्ड इन फिल्मों के लिए।
फिल्मों में गानों का होना ज्यादातर
भारतीय फिल्मों में गानों का होना शायद ही फिल्मों का स्पेस ले रही है फिल्मों में एक के बाद एक गाना जो एक फिल्म को बहुत लंबा कर देती है जबकि हॉलीवुड मूवीस में गाने कम होते हैं और मूवी का स्पेस भी अच्छा रहता है, मुझे लगता है कि गानों के लिए अलग ही इंडस्ट्री होनी चाहिए फिल्मों को गानों से जोड़ नहीं जाए।
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