बॉलीवुड अभिनेत्री रानी मुखर्जी 4 साल बाद फिल्मों में वापसी की है, उनकी नई फिल्म हिचकी के साथ इस फिल्म में कई सारे घटनाएं दिखाई जाती है जिससे यह साबित होता है कि रानी मुखर्जी ने एक शानदार वापसी की है बॉलीवुड में। अभिनेत्री रानी मुखर्जी इस फिल्म में एक टीचर की भूमिका निभाती है जो एक बीमारी से पीड़ित है जिसके वजह से वह काफी कुछ मुश्किलों का सामना करती है।
इस फिल्म को देखकर दर्शक काफी खुश हुए क्योंकि इस फिल्म में समाज को प्रेरित करने वाले चीजें दर्शाई गई है इस फिल्म में रानी मुखर्जी को टॉरेट सिंड्रोम बीमारी होती है जिसके वजह से उनको बार-बार हिचकी आती है। अपने इस बीमारी के चलते ही हो कई सारे स्कूलों में टीचर बनने के लिए जाती है लेकिन बार-बार रिजेक्ट हो जाती है। लेकिन आखिरकार उनको एक स्कूल में टीचर के लिए नौकरी मिल जाती है जहां उनको कुछ गरीब बच्चों को पढ़ाना होता है इस फिल्म में रानी मुखर्जी एक अच्छे टीचर का भूमिका निभाती है जिससे यह दर्शाया जाता है कि स्कूल में हमेशा शिक्षकों को पढ़ाना नहीं बल्कि बच्चों को समझाना भी चाहिए।
इस फिल्म को देखकर दर्शक काफी खुश हुए क्योंकि इस फिल्म में समाज को प्रेरित करने वाले चीजें दर्शाई गई है इस फिल्म में रानी मुखर्जी को टॉरेट सिंड्रोम बीमारी होती है जिसके वजह से उनको बार-बार हिचकी आती है। अपने इस बीमारी के चलते ही हो कई सारे स्कूलों में टीचर बनने के लिए जाती है लेकिन बार-बार रिजेक्ट हो जाती है। लेकिन आखिरकार उनको एक स्कूल में टीचर के लिए नौकरी मिल जाती है जहां उनको कुछ गरीब बच्चों को पढ़ाना होता है इस फिल्म में रानी मुखर्जी एक अच्छे टीचर का भूमिका निभाती है जिससे यह दर्शाया जाता है कि स्कूल में हमेशा शिक्षकों को पढ़ाना नहीं बल्कि बच्चों को समझाना भी चाहिए।
क्या है ये बीमारी
टीचर बनी रानी मुखर्जी को टॉरेट सिंड्रोम बीमारी है, और इस बीमारी के चलते लोगों को बार बार हिचकी आती है, और इस तरह की फिल्में समाज में टॉरेट सिंड्रोम जैसी बीमारियों को लेकर जागरूकता पैदा करती है, टॉरेट सिंड्रोम एक न्यूरोसाइकाइअट्रिक डिसऑर्डर है, जो आमतौर पर बचपन से ही शुरू होती है कुछ लोगो का जिससे इंसान अचानक से शब्दों को दोहराना, बाहों को हिलाना, होठों को हिलाना ये सब करता है।
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