फिल्म 'शोले' एक ऐसी फिल्म है जिसे बॉलीवुड की आइकोनिक फिल्म माना जाता है, ये फिल्म अगस्त 1975 में रिलीज़ हुई है, और इस प्रतिष्ठित फिल्म ने फिल्म निर्माताओं और सिनेमाघरों को समान रूप से प्रेरित किया है। आज हम जानेंगे इस फिल्म से जुडी ऐसे रोचक बाते जिन्हे आप शायद ही जानते हो।
1950 के दशक में गब्बर सिंह के नाम से एक वास्तविक डाकू हुआ करता था
एक्टर अमजद खान द्वारा किया गया गब्बर सिंह का करैक्टर एक वास्तविक डाकू पर आधारित था। और ये करैक्टर काफी फेमस हुआ और अमज़द खान को काफी लोग आज भी गब्बर सिंह के नाम से जानते है।
फिल्म का फेमस डायलॉग 'कितने आदमी थे'
क्या आपको पता है इस फिल्म का डायलॉग 'अरे ओ सांभा.. कितने आदमी थे' इसे 40 बार री टेक किया गया था इसके बाद ही ये डायलॉग सही हुआ था, इसी मेहनत के लिए आज ये इतना फेमस है औरयही कारण है कि लोग इसे दोहराना पसंद करते हैं।
थियेटर में ये फिल्म लगातार चली 5 साल तक
क्या आपने ऐसा सुना है कोई फिल्म साल तक चलते हुए ? नहीं शायद पर फिल्म 'शोले' मुंबई के मिनर्वा थियेटर में पांच साल तक चला।
एक्ट्रेस हेलेन कैसे नज़र आये फिल्म में?
सलीम ही थे वो जिन्होंने उनको फिल्म में डांस नंबर 'महेबोबा' देकर उनकी मदद की, जो आगे जाकर सुपर हिट बनी।
ठाकुर के किरदार का सच
इस फिल्म में ठाकुर का किरदार मूल रूप से एक आर्मी सेना अधिकारी के ऊपर होना था। लेकिन निर्माताओं ने सोचा कि इसकी अनुमति प्राप्त करना मुश्किल होगा, और बाद में इसे एक पुलिस अधिकारी के रूप में बदल दिया गया था।
ठाकुर का किरदार निभाने वाले थे धर्मेंद्र
फिल्म में धर्मेंद्र ठाकुर का किरदार निभाना चाहते थे पर जब उन्हें पता चला वीरू का और हेमा का रोल होगा कपल के रूप में तब उन्होंने ठाकुर का किरदार नहीं किया।
फिल्म के रिलीज़ से पहले से ही थे शादीशुदा अमिताभ
रिलीज़ से 4 महीने पहले अमिताभ बच्चन जया से शादी कर चुके थे।
प्रसिद्ध चरित्र सांभा
मैक मोहन ने फिल्म में संभा का रोल किया और खास बात ये है की सम्भा की फिल्म में केवल एक झलक ही थी, लेकिन अब भी वो सम्भा के रूप में जाने जाते है।
इस फिल्म के जुड़े पहाड़ चट्टानों को लोग आज भी देखने जाते है
फिल्म जहा शूट हुआ था वो रामानगर था जो बेंगलुरु से लगभग 50 किलोमीटर दूर थी पर अब भी वह के लोग उस जगह को रामगढ़ कहते है क्योंकि शोले को वहाँ शूट की गई थी।
फिल्म की कई दृश्यों को शूट करते हुए काफी दिन लगे थे
फिल्म का गीत जो आज भी कायम है 'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे' को शूट करने में 21 दिन लगे थे; और जहां जया का चरित्र राधा को लैंप लेकर के दिखाया जाता है वह शूट करने के लिए 20 दिन लगे थे।
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